नई दिल्ली: स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर 2024-25 में सबसे पहले क्लास 3 और 6 की नई किताबें आएंगी। NCERT के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने एनबीटी को बताया कि नई किताबों के साथ-साथ ब्रिज कोर्स भी तैयार किए जा रहे हैं और इसके लिए अलग-अलग विषयों में कमिटी बनाई गई है। पुराने पैटर्न से शिफ्ट होकर अब नए सिलेबस की पढ़ाई होगी और पाठ्यचर्या परिवर्तन योजना के तहत ब्रिज कोर्स तैयार किए जा रहे हैं। ये ब्रिज कोर्स 25 मार्च तक NCERT की वेबसाइट पर जारी करने की तैयारी है। 2025-26 तक सभी क्लासेज की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार हो जाएंगी।
इस वर्ष कक्षा 3 के छात्रों की आएंगी किताबें
प्रो. सकलानी का कहना है कि पिछले वर्ष जुलाई 2023 में क्लास 2 तक की नई पाठ्यपुस्तकें आ गई थीं और इस वर्ष तीसरी कक्षा में आने वाले बच्चों को नए सिलेबस के आधार पर ही पाठ्यपुस्तकें मिलेंगी। कक्षा 3 में आने वाले बच्चों को नई किताबों से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दूसरी के बच्चे पहले से ही नए सिलेबस के आधार पर जारी किताबों से पढ़ाई कर रहे थे। वहीं इस वर्ष कक्षा 6 में आने वाले छात्र पांचवीं कक्षा में पुराने सिलेबस और पैटर्न को पढ़कर आए होंगे।
ब्रिज कोर्स के लिए टीचर्स को पहले दी जाएगी ट्रेनिंग
ऐसे में पुराने पैटर्न से नए पैटर्न में शिफ्ट होने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो, इसको देखते हुए छठी क्लास में सभी विषयों के लिए सिलेबस ब्रिज कोर्स डिवेलपमेंट ग्रुप बना दिए गए हैं, जो ब्रिज कोर्स तैयार करेंगे। प्रो. सकलानी का कहना है कि ब्रिज कोर्स के लिए पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर बच्चों को नए सिलेबस और पैटर्न के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। ब्रिज कोर्स के लिए हिंदी, संस्कृत, इंग्लिश, उर्दू, साइंस, सोशल साइंस, मैथमैटिक्स, आर्ट एजुकेशन, हेल्थ- फिजिकल एजुकेशन, वोकेशनल एजुकेशन विषयों की कमिटी बनाई गई है। NCERT का कहना है कि नई किताबें तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
करिकुलर ट्रांजिशन प्लान
पुराने पैटर्न से नए सिलेबस की पढ़ाई के लिए NCERT ने करिकुलर ट्रांजिशन प्लान (curricular transition plan) तैयार किया है। कमिटी ब्रिज कोर्स बनाते हुए देखेगी कि पांचवीं के पुराने और नए सिलेबस में क्या अंतर है, अप्रोच में क्या अंतर है, कंटेंट में क्या फर्क है, उस फर्क को समझते हुए बच्चा और टीचर कैसे पुराने पैटर्न से नए में जाएगा, इसे लेकर टीचर की ट्रेनिंग होगी। टीचर समझकर बच्चे को समझाएगा। एक महीने का कोर्स है। जब छात्र 8वीं से 9वीं में जाएगा तो 9वीं के लिए ब्रिज कोर्स लाना होगा। 10 से 11वीं में जाएगा तो ब्रिज कोर्स जरूरी होगा।
इस वर्ष कक्षा 3 के छात्रों की आएंगी किताबें
प्रो. सकलानी का कहना है कि पिछले वर्ष जुलाई 2023 में क्लास 2 तक की नई पाठ्यपुस्तकें आ गई थीं और इस वर्ष तीसरी कक्षा में आने वाले बच्चों को नए सिलेबस के आधार पर ही पाठ्यपुस्तकें मिलेंगी। कक्षा 3 में आने वाले बच्चों को नई किताबों से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दूसरी के बच्चे पहले से ही नए सिलेबस के आधार पर जारी किताबों से पढ़ाई कर रहे थे। वहीं इस वर्ष कक्षा 6 में आने वाले छात्र पांचवीं कक्षा में पुराने सिलेबस और पैटर्न को पढ़कर आए होंगे।
ब्रिज कोर्स के लिए टीचर्स को पहले दी जाएगी ट्रेनिंग
ऐसे में पुराने पैटर्न से नए पैटर्न में शिफ्ट होने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो, इसको देखते हुए छठी क्लास में सभी विषयों के लिए सिलेबस ब्रिज कोर्स डिवेलपमेंट ग्रुप बना दिए गए हैं, जो ब्रिज कोर्स तैयार करेंगे। प्रो. सकलानी का कहना है कि ब्रिज कोर्स के लिए पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर बच्चों को नए सिलेबस और पैटर्न के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। ब्रिज कोर्स के लिए हिंदी, संस्कृत, इंग्लिश, उर्दू, साइंस, सोशल साइंस, मैथमैटिक्स, आर्ट एजुकेशन, हेल्थ- फिजिकल एजुकेशन, वोकेशनल एजुकेशन विषयों की कमिटी बनाई गई है। NCERT का कहना है कि नई किताबें तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है।
करिकुलर ट्रांजिशन प्लान
पुराने पैटर्न से नए सिलेबस की पढ़ाई के लिए NCERT ने करिकुलर ट्रांजिशन प्लान (curricular transition plan) तैयार किया है। कमिटी ब्रिज कोर्स बनाते हुए देखेगी कि पांचवीं के पुराने और नए सिलेबस में क्या अंतर है, अप्रोच में क्या अंतर है, कंटेंट में क्या फर्क है, उस फर्क को समझते हुए बच्चा और टीचर कैसे पुराने पैटर्न से नए में जाएगा, इसे लेकर टीचर की ट्रेनिंग होगी। टीचर समझकर बच्चे को समझाएगा। एक महीने का कोर्स है। जब छात्र 8वीं से 9वीं में जाएगा तो 9वीं के लिए ब्रिज कोर्स लाना होगा। 10 से 11वीं में जाएगा तो ब्रिज कोर्स जरूरी होगा।