दमोह1 दिन पहले
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दमोह| नया शिक्षा सत्र आने के पहले निजी स्कूलों की मोनोपाली फिर से शुरू हो गई है और केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश होने के बावजूद भी निजी स्कूलों द्वारा एनसीईआरटी की जगह निजी प्रकाशकों की पुस्तकों चलाई जा रहीं हैं। जिससे अभिभावकों को हर साल लुटना पड़ रहा है। अभिभावक मुकेश पांडेय, मनीष नगाइच का कहना है कि शिक्षा विभाग को शासन की गाइड लाइन के अनुसार निजी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें चलाने पर सख्ती बरतना जरूरी है, ताकि लोगों की जेब पर भार न पड़े। क्योंकि निजी प्रकाशकों की किताबों के रेट 4 से 5 हजार रुपए में पड़ रहे हैं।