2 घंटे पहले
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स्कूलों में फाइनल एग्जाम के बाद दिए जाने वाले रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न बदलने जा रहा है। अब सिर्फ एग्जाम में मिले ग्रेड और मार्क्स के आधार पर रिपोर्ट कार्ड नहीं बनेंगे, बल्कि बच्चों के टीचर्स, साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स और पेरेंट्स का फीडबैक भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा। इसे ‘HPC’ यानी ‘हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड’ कहा जाएगा।
नेशनल काउंसिल फॉर एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की बॉडी PARAKH नए तरीके के इस रिपोर्ट कार्ड के पैटर्न पर काम कर रही है। वहीं, 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स के लिए नए रिपोर्ट कार्ड बनाए जा रहे हैं।
HPC में रिजल्ट की जगह सीखने पर जोर दिया जाएगा
नए हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड को नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन (NCFSE) की सलाह के हिसाब से बनाया जा रहा है। इसे रिजल्ट सेंट्रिक की बजाय लर्नर सेंट्रिक बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इससे न सिर्फ स्टूडेंट्स का एकेडमिक रिकॉर्ड रखने में मदद मिलेगी बल्कि स्टूडेंट्स खुद भी रिपोर्ट कार्ड मेकिंग प्रोसेस का हिस्सा बन सकेंगे।
स्किल्स का एक्टिविटी बेस्ड टेस्ट लिया जाएगा
इन सभी स्किल्स का एक्टिविटी बेस्ड टेस्ट लिया जाएगा और हर स्टूडेंट को एक्टिविटी के बाद मार्क्स दिए जाएंगे। मार्क्स देने के इस तरीके का इस्तेमाल किया जाएगा :
- मुझे कुछ नया सीखने का मौका मिला।
- मैं अपनी क्रिएटिविटी व्यक्त कर पाया।
- मैंने दूसरों की मदद की।
एक्टिविटी के बाद स्टूडेंट्स खुद को और एक-दूसरे को देंगे रिमार्क
एक्टिविटी पूरी हो जाने के बाद स्टूडेंट को खुद इनमें से किसी भी एक ऑप्शन को टिक करना होगा। इसके अल
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