साहित्यकार अनुभव तथा उनकी किताब चिड़ियों का स्कूल
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बिहार के मुजफ्फरपुर के एक युवक अनुभव की लिखी एक कविता NCERT में शामिल हो गई है। उनका आधा शरीर काम नहीं करता है, लेकिन अपनी तीक्ष्ण बुद्धि की बदौलत उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है। वह अब BPSC का शिक्षक बनना चाहते हैं। अनुभव कहते हैं कि मंजिल उन्हें मिलती है जिनके सपनों में जान होती है। पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।
दरअसल, अनुभव मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं और उनकी कहानी काफी दिलचस्प है। उनका आधे से ज्यादा शरीर काम नहीं करता है। फिर भी उन्हें अब किसी की पहचान की जरूरत नहीं है। उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। जानकारी के मुताबिक, अनुभव को सेरेब्रम डिसऑर्डर है, जिस कारण ही उनका आधे से ज्यादा शरीर काम नहीं करता। इसके बावजूद वह बीपीएससी के शिक्षक बनना चहते हैं और इसके लिए खूब मेहनत भी कर रहे हैं। यही नहीं, इनकी लिखी हुई एक कविता को NCERT भी सलाम करता है। उनकी लिखी कविता भी देश भर के स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई जाती है। अनुभव लेखक और साहित्यकार भी हैं।
शीर्षकों की संख्या बनाए रखते हुए। सुनिश्चित करें कि पुनर्वचन की गई सामग्री मूल पाठ की सार को संभालती है परंतु विकल्पिक शब्दों और वाक्य-रचना का उपयोग करती है और ऐसे अनुच्छेदों को एक साथ मिलाना जो आसानी से एक में समाहित किए जा सकते हैं।
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