पश्चिम बंगाल के कोलकाता से फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी बेरला के शासकीय प्राथमिक शाला में आए हैं जहां उन्होंने जेंडर के प्रभाव का अध्ययन किया। सिग्मा फाउंडेशन के कोलकाता के फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी के बारे में विवरण दिया गया है।
बेमेतरा- सीबीएसई में जेंडर के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए पश्चिम बंगाल के कोलकाता से फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी बेरला के शासकीय प्राथमिक शाला में आए हैं। उन्होंने शाला के विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया और जेंडर भेदभाव से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने के लिए कदम उठाए हैं।
बच्चा तो बच्चा होता है- कबीरुल
फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी ने बताया कि हर बच्चे में अलग-अलग प्रतिभा और क्षमता होती है और उन्हें किसी श्रेणी में नहीं रखना चाहिए। उन्होंने अपने कार्य के बारे में विस्तार से बताया कि वह सरल और सहज रूप से अपने स्टाफ के साथ काम करेंगी।
सफाई में मोटिवेशन के लिए कार्य
फील्ड ऑफिसर कबीरुल सपाहानी ने बताया कि साफ़-सफाई में मोटिवेशन के लिए उन्होंने बच्चों को सम्मानित किया जाता है जो अच्छा प्रदर्शन करते हैं।
परिवेशीय खेल का महत्व
बच्चों को सहशिक्षा के साथ परिवेशीय खेल भी खेलने का मौका देना चाहिए जैसे कि बिल्ल्स, भटकौल, तिरीपासा, छू- छूवउल, नदी- पहाड़, चोर-पुलिस, खो-खो, फिक्की-फिक्की बात कलर आदि।