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छठी क्लास के छात्रों को एक महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा, और मई में नई किताबें मिलेंगी।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने मौजूदा सेशन 2024-25 में छठी क्लास में आने वाले बच्चों के लिए ब्रिज कोर्स तैयार कर लिया है। स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF-SE) के आधार पर 2024-25 में सबसे पहले क्लास 3 और 6 की नई किताबें आएंगी। NCERT के निदेशक प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी ने बताया कि कक्षा 3 से 12वीं क्लास के लिए नई पाठ्यपुस्तकों पर काम हो रहा है। मौजूदा सेशन में क्लास 3 और 6 के लिए नई पाठ्यपुस्तकें आएंगी। कक्षा 6 की पाठ्यपुस्तकें आने से पहले अप्रैल महीने में बच्चों को ब्रिज कोर्स पढ़ाना होगा। 30 मार्च तक एनसीईआरटी की वेबसाइट पर ब्रिज कोर्स अपलोड कर दिया जाएगा और अप्रैल में बुकलेट आ जाएगी। मई में छठी क्लास के बच्चों को नई किताब मिलेंगी। वहीं दूसरी क्लास तक बच्चे पहले से ही नई शिक्षा नीति के मुताबिक पढ़ाई कर रहे हैं और तीसरी कक्षा के बच्चों को अप्रैल में ही नई किताबें मिल जाएंगी।

तैयार किया गया ब्रिज कोर्स

प्रो. सकलानी का कहना है कि चूंकि पांचवी क्लास में बच्चे पुराने पाठ्यक्रम से पढ़ाई कर रहे हैं और छठी क्लास में आने वाले बच्चों को नई शिक्षा नीति 2020 से सभी पहलुओं से रूबरू करवाने के लिए ब्रिज कोर्स तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति की मूल अवधारणा के बारे में बच्चों और अभिभावकों को समझाने के लिए यह ब्रिज कोर्स करना बहुत जरूरी है। प्रो. सकलानी ने कहा कि नई शिक्षा नीति और एनसीएफ का मुख्य उद्देश्य बच्चों के लिए शिक्षा व्यवस्था को आसान बनाना है और उनके तनाव को दूर करना है। सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों को भेजे एक पत्र में कहा कि तीसरी और छठी कक्षा के लिए नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों को अपनाना होगा। एनसीईआरटी नए पाठ्यक्रम के आधार पर दूसरी कक्षाओं के लिए भी पाठ्यक्रम और नया कोर्स तैयार कर रहा है। 2025-26 तक सभी क्लासेज की नई पाठ्यपुस्तकें तैयार हो जाएगी।

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प्रो. सकलानी का कहना है कि पिछले वर्ष जुलाई 2023 में क्लास 2 तक की नई पाठ्यपुस्तकें आ गई थी और इस वर्ष तीसरी कक्षा में आने वाले बच्चों को नए सिलेबस के आधार पर ही पाठ्य पुस्तकें मिलेंगी। कक्षा 3 में आने वाले बच्चों को नई किताबों से पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत दूसरी के बच्चे पहले से ही नए सिलेबस के आधार पर जारी किताबों से पढ़ाई कर रहे थे। वहीं इस वर्ष कक्षा 6 में आने वाले छात्र पांचवीं कक्षा में पुराने सिलेबस और पैटर्न को पढ़कर आए होंगे। ऐसे में पुराने पैटर्न से नए पैटर्न में शिफ्ट होने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत न हो, इसको देखते हुए छठी क्लास में सभी विषयों के लिए सिलेबस ब्रिज कोर्स डेवलपमेंट ग्रुप बना दिए गए हैं, जो ब्रिज कोर्स तैयार करेंगे। प्रो. सकलानी का कहना है कि ब्रिज कोर्स के लिए पहले टीचर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी और फिर बच्चों को नये सिलेबस व पैटर्न के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। ब्रिज कोर्स के लिए हिंदी, संस्कृत, इंग्लिश, उर्दू, साइंस सोशल साइंस, मैथमेटिक्स, आर्ट एजुकेशन, हेल्थ- फिजिकल एजुकेशन, वोकेशनल एजुकेशन विषयों की कमिटी बनाई गई थी।

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करिकुलर ट्रांजिशन प्लान
पुराने पैटर्न से नए सिलेबस की पढ़ाई के लिए एनसीईआरटी ने करिकुलर ट्रांजिशन प्लान (curricular transition plan) तैयार किया है। कमिटी ने ब्रिज कोर्स बनाते हुए यह देखा है कि पांचवीं के पुराने और नये सिलेबस में क्या अंतर है, अप्रोच में क्या अंतर है। कंटेंट में क्या फर्क है, उस फर्क को समझते हुए बच्चा और टीचर कैसे पुराने पैटर्न से नये में जाएगा? टीचर की ट्रेनिंग होगी। टीचर समझकर बच्चे को समझाएगा। एक महीने का कोर्स है। जब छात्र 8 से 9वीं में जाएगा तो 9वीं के लिए ब्रिज कोर्स लाना होगा। 10 से 11वीं में जाएगा तो ब्रिज कोर्स जरूरी होगा।

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