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MP News: NCERT की किताबें बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, अभिभावक परेशान हो रहे हैं।

MP समाचार: बाजार में एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं, अभिभावक निजी प्रकाशकों की किताबें खरीद रहे हैं।

By Anjali rai

प्रकाशित तिथि: मंगलवार, 19 मार्च 2024 05:50 PM (IST)

अपडेटेड तिथि: मंगलवार, 19 मार्च 2024 05:50 PM (IST)

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हाइलाइट्स

  1. निजी प्रकाशकों की किताबें खरीदनी पड़ रही हैं
  2. तीसरी कक्षा में एनसीईआरटी की पांच किताबें 300 से 400 रुपये में मिल रही हैं
  3. निजी स्कूलों का खास दुकानों से सांठ-गांठ

MP समाचार: नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबें उपलब्ध नहीं कराने का आदेश दिया है, ताकि अभिभावक निजी प्रकाशकों की किताबें खरीद सकें। इस कारण कई विषयों की किताबें बाजार में नहीं मिल रही हैं। निजी स्कूल संचालकों ने कुछ विशेष प्रकाशकों की किताबें शामिल की हैं, जो केवल उनके द्वारा निर्धारित दुकानों पर ही मिल रही हैं।

निजी प्रकाशकों की किताबें महंगी

एनसीईआरटी की एक किताब 50 से 60 रुपये में मिलती है, जबकि निजी प्रकाशकों की किताबें 300 से 400 रुपये में मिल रही हैं। तीसरी कक्षा में एनसीईआरटी की पांच किताबें 300 से 400 रुपये में मिल रही हैं।

निजी स्कूलों का खास दुकानों से सांठ-गांठ

निजी स्कूलों की कुछ विशेष दुकानों से सभी किताबें ही मिलती हैं, जिससे किताब व्यापारियों को सांठ-गांठ हो रही है। इसके कारण अभिभावकों को महंगी किताबें खरीदनी पड़ रही हैं।

एनसीईआरटी की किताबें नहीं उपलब्ध

बुक एंड बुक डिपो के राजेश साेलंकी ने बताया कि कुछ एनसीईआरटी की किताबें अभी तक नहीं आई हैं। इसके कारण उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन अप्रैल में आने की संभावना है।

अभिभावकों की प्रतिक्रिया

– हमारा बेटा नौंवी से दसवीं कक्षा में आ गया है, लेकिन एनसीईआरटी की पुस्तक उपलब्ध नहीं है। पुस्तक विक्रेता का कहना है कि अप्रैल में आएगी।

– एनसीआरटी की पुस्तक बाजार में नहीं मिल रही है, इसके कारण पुरानी किताबें चल पाएंगी।

– बच्चे के लिए किताब लेने दुकान पर भीड़ थी, लेकिन एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिली।

– 30 प्रतिशत निजी स्कूलों ने अप्रैल तक किताबों की सूची देने का आदेश दिया है।

आखिरी विचार

– उमा मौर्य, अभिभावक: \”अपने बच्चे के लिए किताब लेने दुकान पहुंचें तो भीड़ थी, लेकिन एनसीईआरटी की किताबें नहीं मिली।\”

– डा. अशोक शर्मा, अभिभावक: \”30 प्रतिशत निजी स्कूलों ने किताबों की सूची सौंपी है, 31 मार्च तक का समय दिया गया है।\”

  • लेखक के बारे में
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    मैं पत्रकारिता से प‍िछले 24 सालों से जुड़ा रहा हूं, इस दौरान मेंने कई समाचार पत्र व पत्रिकाओं में सेवा दी है। मैंने राष्‍ट्रीय हिंदी मेल दैन‍िक अखबार से शुरूआत की, 2000 में गुजरात में आए भूकंप में मैं अपने पत्र

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